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हिन्दी

अजीब बात है

4.3
126

अजीब बात है हमारे यहाँ सब कुछ आम सा है, घरो में जब तब घुस कर कोई वर्दी वाला, नहीं लेने लगता तलाशी और ना ही हमारे घर की औरतो की अल्मारीयों से उनके अधोवस्त्र निकाल कर उन्हे दीवारो की ...

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लेखक के बारे में

हरदीप सबरवाल पंजाबी यूनीवर्सिटी से सनातकोत्तर है, उनकी रचनाऐं विभिन्न ऑनलाइन और प्रिंट पत्रिकाओं में जैसे The Larcenist , Zaira Journal, The Writers Drawer, Quail Bells, NY Literary Magazine, Literary Yard, Alive, जनकृति इंटरनैशनल मैगजीन दिल्ली पत्रिका, और कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई है. २०१४ में उनकी कविता HIV Positive को Yoalfaaz best poetry competition में प्रथम स्थान मिला। 2015 में उनकी कविता The Third Desire इस प्रतियोगिता में द्वितीय आई। दिसम्बर 2015 में उनकी कविता The Refugee's Roots को The Writers Drawer International poetry contest में दूसरा स्थान मिला. हिन्दी में उनकी कविताओं पायट्री सोसाईटी आफ इडिंया के काव्य संग्रह अमलताश के शतदल (2015 की सर्वश्रेष्ठ कविताऐं) में प्रकाशित हुई , जून 2016 मे उनकी कहानी "The Swing" ने The Writers Drawer short story contest 2016 में तीसरा स्थान जीता . पायट्री सोसाईटी अाफ इंडिया के काव्य संग्रह 'ढाई आखर प्रेम' में भी उनकी कविताऐं प्रकाशित हुई. अमेरिका की The Circus of Indie Artist ( Anthology of poems and Short stories) में भी इनकी रचनाऐं प्रकाशित हुई.

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    संतोष नायक
    23 जुलै 2019
    क्षणभंगुर जीवन की यही तो 'अजीब बात है।'बहुत खूब।बधाई।
  • author
    Rohit Paul
    21 मार्च 2019
    Heart touching
  • author
    28 जानेवारी 2020
    सुन्दर भावाभिव्यक्ति
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    संतोष नायक
    23 जुलै 2019
    क्षणभंगुर जीवन की यही तो 'अजीब बात है।'बहुत खूब।बधाई।
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    Rohit Paul
    21 मार्च 2019
    Heart touching
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    28 जानेवारी 2020
    सुन्दर भावाभिव्यक्ति