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12 वीं मंज़िल और मै

4.3
1774

जब मै घर की 12 वीं मंजिल की बालकनी में फस गई

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लेखक के बारे में
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Neha Sinha
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    swarajyalakshmi rambhatla
    02 ஆகஸ்ட் 2020
    आप बीती , अच्छा लिखा आपने। जब भी मुश्किल आये बिना घबराहट के शांत मन से सोचने से कोई न कोई हल जरूर निकल ता है । आप का हिम्मत का दाद देनी है। धन्यवाद।
  • author
    25 ஏப்ரல் 2019
    रोचक ,विकट परिस्थितियों में हौंसला बनाए रखने की प्रेरणा देती है आपके साथ घटी ये घटना ।
  • author
    Smriti Prakash
    07 நவம்பர் 2020
    बहुत ही अच्छी बहादुरी को नमन
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    swarajyalakshmi rambhatla
    02 ஆகஸ்ட் 2020
    आप बीती , अच्छा लिखा आपने। जब भी मुश्किल आये बिना घबराहट के शांत मन से सोचने से कोई न कोई हल जरूर निकल ता है । आप का हिम्मत का दाद देनी है। धन्यवाद।
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    25 ஏப்ரல் 2019
    रोचक ,विकट परिस्थितियों में हौंसला बनाए रखने की प्रेरणा देती है आपके साथ घटी ये घटना ।
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    Smriti Prakash
    07 நவம்பர் 2020
    बहुत ही अच्छी बहादुरी को नमन