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022 शंकर जी का धनुष

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022 शंकर जी का धनुष किसी विद्यालय में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का आना हुआ। विद्यालय में घूमते घूमते वे एक कक्षा में चले गए। उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत करने का विचार किया और उनसे एक प्रश्न ...

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Lokeshanand Paramhans

अ दुनिया के थके माँदे लोगों आओ मेरे पास मैंने वो स्थान ढूंढ लिया है जहाँ दुख नहीं है।

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