pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

हिसाब बराबर

4.7
29

हिसाब बराबर विनय अपने माता पिता से अलग हो रहा था । जिसके परिणामस्वरूप उसके दहेज तथा भेंट स्वरूप जितने भी समान वगेरह उसे प्राप्त हुई थी । वो सब निकालकर अलग कर रहा था । "ठीक है पापा मेरे नाम से ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Govind Uikey

I Am A Puzzle, Which You Can't Solve....

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Jain
    08 मई 2020
    काश सारे बच्चे इतनी आसानी से पिघल पाते आज के समय में कहानी का आशावादी अंत बहुत अच्छा है।
  • author
    Anuj bhandari
    09 मई 2020
    Umda lakhen, Agar aap chahe mera collection memories pad sakte hn
  • author
    Data Ram "Bhattigain"
    08 मई 2020
    बहुत बढ़िया 👌👌👌,,,, माता पिता के साथ कभी हिसाब बराबर हो ही नहीं सकता
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sushma Jain
    08 मई 2020
    काश सारे बच्चे इतनी आसानी से पिघल पाते आज के समय में कहानी का आशावादी अंत बहुत अच्छा है।
  • author
    Anuj bhandari
    09 मई 2020
    Umda lakhen, Agar aap chahe mera collection memories pad sakte hn
  • author
    Data Ram "Bhattigain"
    08 मई 2020
    बहुत बढ़िया 👌👌👌,,,, माता पिता के साथ कभी हिसाब बराबर हो ही नहीं सकता