pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

हालात गलत या इंसान

4.7
24

आज दशहरा है........ आज शाम को रावण दहन पर उसका भी  दहन कर देंगे...... कलमोही ..... आई जब से खाए जा रही है ....जिस दिन घर में पांव रखा है दूसरे दिन ही अपने ससुर को खा गई सविता अपने बेटे को कहती है ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Kuldeep Singh chouhan

कल्पना एक ऐसा शब्द है जिसमें व्यक्ति जिंदगी की हर खूबसूरत वस्तु को देखना चाहता है कल्पना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है कल्पना के जरिए हम उन सपनों को देख सकते हैं जिन सपनों को हमें जिंदगी में आगे चलकर पूरा करना है हमारी कल्पना हमारी जिंदगी से परे है हम तो आज में जीते हैं परंतु हमारी कल्पना कल का सोचती है कल्पना एक खूबसूरत एहसास है इस जिंदगी का

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    23 ऑक्टोबर 2022
    वाह 👌👌👌👌👌, बेहतरीन ,लाजवाब,बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है आपने। बस यूंही लिखते रहिए । और आगे बढ़ते रहिए 👍👍👍👍👍😊😊
  • author
    Rumaya
    24 ऑक्टोबर 2022
    v good bohut badiya story h
  • author
    🤗❤️
    23 ऑक्टोबर 2022
    amazing
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    23 ऑक्टोबर 2022
    वाह 👌👌👌👌👌, बेहतरीन ,लाजवाब,बहुत ही अच्छी कहानी लिखी है आपने। बस यूंही लिखते रहिए । और आगे बढ़ते रहिए 👍👍👍👍👍😊😊
  • author
    Rumaya
    24 ऑक्टोबर 2022
    v good bohut badiya story h
  • author
    🤗❤️
    23 ऑक्टोबर 2022
    amazing