"तुम आज इतनी गुमशुम क्यूँ हो?सलिल ने पूछा,,कयास ने अनमने मन से जवाब दिया,गुमशुम ना रहूँ तो क्या करूँ?तुम ही बताओ तुमने मुझसे वादा किया था कि कल मुझे किसी अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खिलाने ले चलोगे ...
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सर्द रात(पार्ट-2)
प्रकृति
4.5
सलिल की तेज आवाज सुनकर कयास ने दरवाजा खोला, ,,,क्या हुआ ? कुछ नहीं तुम देखो भूतिया फिल्में, नाराज होकर सलिल बोलता है,,,,, पता नहीं क्यों, कहना तो नहीं चाहिए पर ये अजीब सा शौक तुमने क्यों पाल रखा है,, ...
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मेरी कोशिश यही रहती है कि अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सकूँ,,,,और मैने अपनी लेखनी को किसी भी प्रकार की सीमाओं से नहीं बांध रखा है, जो अच्छा लगता है, बस वही लिखती हूँ,।,,,,,,,,,,
सारांश
मेरी कोशिश यही रहती है कि अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सकूँ,,,,और मैने अपनी लेखनी को किसी भी प्रकार की सीमाओं से नहीं बांध रखा है, जो अच्छा लगता है, बस वही लिखती हूँ,।,,,,,,,,,,
रिपोर्ट की समस्या
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