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सर्द रात(पार्ट-1)

4.0
10612

"तुम आज इतनी गुमशुम क्यूँ हो?सलिल ने पूछा,,कयास ने अनमने मन से जवाब दिया,गुमशुम ना रहूँ तो क्या करूँ?तुम ही बताओ तुमने मुझसे वादा किया था कि कल मुझे किसी अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खिलाने ले चलोगे ...

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प्रकृति
4.5

सलिल की तेज आवाज सुनकर कयास ने दरवाजा खोला, ,,,क्या हुआ ? कुछ नहीं तुम देखो भूतिया फिल्में, नाराज होकर सलिल बोलता है,,,,, पता नहीं क्यों, कहना तो नहीं चाहिए पर ये अजीब सा शौक तुमने क्यों पाल रखा है,, ...

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प्रकृति

मेरी कोशिश यही रहती है कि अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सकूँ,,,,और मैने अपनी लेखनी को किसी भी प्रकार की सीमाओं से नहीं बांध रखा है, जो अच्छा लगता है, बस वही लिखती हूँ,।,,,,,,,,,,

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jigna Upadhyay
    03 मार्च 2019
    last part
  • author
    Mohit singh bhadoriya "Vasudev"
    27 फ़रवरी 2019
    कहानी बहुत रोचक थी, कहानी ने ध्यान अपनी तरफ खीच लिया, बहन आपका भविष्यमंगलमय हो। साधूवाद।
  • author
    शैलेश सिंह "शैल"
    03 मार्च 2019
    वाह,, बहुत खूब,, अगले भाग की प्रतीक्षा,,
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Jigna Upadhyay
    03 मार्च 2019
    last part
  • author
    Mohit singh bhadoriya "Vasudev"
    27 फ़रवरी 2019
    कहानी बहुत रोचक थी, कहानी ने ध्यान अपनी तरफ खीच लिया, बहन आपका भविष्यमंगलमय हो। साधूवाद।
  • author
    शैलेश सिंह "शैल"
    03 मार्च 2019
    वाह,, बहुत खूब,, अगले भाग की प्रतीक्षा,,