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समीक्षा

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समीक्षा दोस्तो आपलोगों से समीक्षा का मतलब जानना चाहूंगा ? कि क्या ये के हम किसी की भी बात या लेखनी को 5 रेटिंग इसलिए दें ताकि वो हमारी भी लेखनी को भी 5 रेटिंग दे या दे दो यार पता नही कितनी देर ...

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लेखक के बारे में
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दोषी

मैं आदमी बुरा नहीं हूं साहेब, बस मेरी आदतें बुरी हैं... हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, के हर ख्वाहिश पे दम निकले.... बहुत निकले मेरे अरमां, फिर भी कम निकले.... जो चाहता है इंसान ,अगर वो थोड़ा बहुत मिल जाता है, तो इंसान निखर जाता है....! वही जो मिला है इंसान को,अगर वो भी छिन जाता है, तो इंसान बिखर जाता है.....!! माना कि हम कुछ नही... पर हम जैसा भी कुछ नही...

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Awanish Chaubey
    19 मार्च 2020
    अच्छा प्रश्न है और उसके बहुत से संभावित जवाब भी आपने लिखे है जो बहुत हद तक इस मंच के लिए सही भी है😀 जहां तक मेरी व्यक्तिगत राय है समीक्षाएं निष्पक्ष होनी चाहिएं और निर्माणकारी होनी चाहिए। अगर आप किसी रचना को अच्छा कह रहे हैं तो उसकी कुछ अच्छी बातें भी आपको लिखनी चाहिए और अगर आपको उस रचना में कोई सुधार की गुंजाइश दिखती है तो वो भी बताना चाहिए। सिर्फ अच्छा या बुरा या ठीक ठाक कहना मेरे विचार से उपयुक्त नहीं है। मै बहुत प्रयास करता हूं कि निष्पक्ष होकर रचनात्मक समीक्षा करूं पर बहुत बार मुझसे भी गलतियां हो जाती हैं और समय बचाने या किसी और कारण से भी मैं आदर्श समीक्षा नहीं कर पाता। पर खुद की अच्छी रेटिंग या समीक्षा के लिए ऐसा नहीं करता। एक सच ये भी है कि यहां बहुत से लोग हैं जिन्हें एक ईमानदार समीक्षा से तकलीफ हो सकती है इसलिए ऐसी स्तिथि में आपके लिखे जवाबों में से कोई एक सच मान लें।
  • author
    Mohammed naved "hasan"
    08 अप्रैल 2020
    बड़ी ही जरूरी चीज पे चर्चा की आपने,, और ज़रूरी भी बनता है लेखनी के एवज समीक्षा करने के योगदान में। ये बिल्कुल विचारणीय प्रश्न है..... .मेरा सोचना है कि पाठक बिना स्वार्थ रेटिंग्स दे, कमेन्ट करें और ऐसे ही फॉलो करें। हमें और भी खुशी होगी यदि समीक्षाएं और फॉलोअर्स दिल से व मजबूती से जुड़े हो भले कम ही संख्या में हो।
  • author
    तुषार कश्यप
    20 मार्च 2020
    यार 😏 का बाताए ? हालात ही ऐसी है अगर कभी किसी को कम रेटिंग दें दिए तो, लम्बी बहस हो जाती है सामने वाला बुरा मान जाता है (शाय़द सब नहीं मानते जैसे मैं 🤓पर हम कैसे पहचानें की कौन बुरा नहीं मानते )और सही भी है हमारी औकात कितनी है जो हम किसी की रचना को जज (judge) करें
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    Awanish Chaubey
    19 मार्च 2020
    अच्छा प्रश्न है और उसके बहुत से संभावित जवाब भी आपने लिखे है जो बहुत हद तक इस मंच के लिए सही भी है😀 जहां तक मेरी व्यक्तिगत राय है समीक्षाएं निष्पक्ष होनी चाहिएं और निर्माणकारी होनी चाहिए। अगर आप किसी रचना को अच्छा कह रहे हैं तो उसकी कुछ अच्छी बातें भी आपको लिखनी चाहिए और अगर आपको उस रचना में कोई सुधार की गुंजाइश दिखती है तो वो भी बताना चाहिए। सिर्फ अच्छा या बुरा या ठीक ठाक कहना मेरे विचार से उपयुक्त नहीं है। मै बहुत प्रयास करता हूं कि निष्पक्ष होकर रचनात्मक समीक्षा करूं पर बहुत बार मुझसे भी गलतियां हो जाती हैं और समय बचाने या किसी और कारण से भी मैं आदर्श समीक्षा नहीं कर पाता। पर खुद की अच्छी रेटिंग या समीक्षा के लिए ऐसा नहीं करता। एक सच ये भी है कि यहां बहुत से लोग हैं जिन्हें एक ईमानदार समीक्षा से तकलीफ हो सकती है इसलिए ऐसी स्तिथि में आपके लिखे जवाबों में से कोई एक सच मान लें।
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    Mohammed naved "hasan"
    08 अप्रैल 2020
    बड़ी ही जरूरी चीज पे चर्चा की आपने,, और ज़रूरी भी बनता है लेखनी के एवज समीक्षा करने के योगदान में। ये बिल्कुल विचारणीय प्रश्न है..... .मेरा सोचना है कि पाठक बिना स्वार्थ रेटिंग्स दे, कमेन्ट करें और ऐसे ही फॉलो करें। हमें और भी खुशी होगी यदि समीक्षाएं और फॉलोअर्स दिल से व मजबूती से जुड़े हो भले कम ही संख्या में हो।
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    तुषार कश्यप
    20 मार्च 2020
    यार 😏 का बाताए ? हालात ही ऐसी है अगर कभी किसी को कम रेटिंग दें दिए तो, लम्बी बहस हो जाती है सामने वाला बुरा मान जाता है (शाय़द सब नहीं मानते जैसे मैं 🤓पर हम कैसे पहचानें की कौन बुरा नहीं मानते )और सही भी है हमारी औकात कितनी है जो हम किसी की रचना को जज (judge) करें