शायद कभी तो मिलना लिखा है यह कहानी एक प्रेम सफर के बारे में है ।कैसे प्रेम जुदा भी करता है। और मिला भी देता है। यह एक सत्य घटना है, तो कृपया जरूर पढ़े और समीक्षा लिखे।
भलाई सबकी करो, स्वार्थ को कभी आगे बढ़ने मत दो। वरना तो ज़िंदगी ही स्वार्थ बन जाएगी।मेरा उद्देश्य सबके चेहरे पर मुस्कराहट लाना है न कि किसी का दिल दुखाना ,मेरी सारी रचनाए स्वरचित है
सारांश
भलाई सबकी करो, स्वार्थ को कभी आगे बढ़ने मत दो। वरना तो ज़िंदगी ही स्वार्थ बन जाएगी।मेरा उद्देश्य सबके चेहरे पर मुस्कराहट लाना है न कि किसी का दिल दुखाना ,मेरी सारी रचनाए स्वरचित है
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