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"संजोग"

4.5
39935

आज सुबह से ही साक्षी काफी सहमी- सहमी सी थी। कारण था कि आज फिर से कोई लड़के वाले उसे देखने आ रहे थे।साक्षी के पिताजी जिनका नाम रामप्रसाद था, उनके पास कपड़े की एक बहुत बड़ी दुकान "राम वस्त्रालय" के ...

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लेखक के बारे में
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Santosh Kumar Gupta

"जिंदगी जिंदादिली का नाम है और अच्छे कार्यो से होती आपकी पहचान है।" रेलवे में जॉब करने के बावजूद साहित्य से अथाह प्रेम होने के कारण लेखन में रुचि जगी।मैं मूलतः बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिला का निवासी हूँ लेकिन वर्तमान में पिछले 14 सालों से उत्तरप्रदेश राज्य के कानपुर नगर में निवास कर रहा हूँ जो कि मेरी कार्यस्थली है।। हर पल हकीकत को बयां करता हूँ इसीलिए, लेखनी के करीब रहता हूँ।। दिल में सदैव जज्बात सही रखता हूँ इसीलिए अल्फाजों को लिखने से पहले खुद उस दर्द को महसूस करता हूँ।। ✍️"संतोष कुमार गुप्ता"

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शकुन्तला गौतम
    23 अगस्त 2021
    सही शिक्षाप्रद कहानी है 👌👌 अपना खून और दूसरे का खून जैसी मानसिकता के कारण कितने ही पति-पत्नी अनावश्यक परेशानी भरे उपचार करने में खर्च करते हैं।दूसरी ओर दुर्भाग्यवश कितने ही बच्चों को अनाथ जीवन जीना पड़ता है 😒 लेकिन सभी को जीवन में कभी ना कभी जीवन रक्षा के लिए खून की आवश्यकता होती है तब धर्म, जाति को नहीं देखा जाता 🙏🙏
  • author
    Shahida Bano
    24 जनवरी 2022
    हम गुजर चुके है इन हालात से लोगो के ताने सुनकर जीने की इच्छा ही खत्म हो जाती हैं फिर ऐसा लगता हैं कि या तो बच्चा मिल जाए या फिर मौत ये दर्द सिर्फ वही समझ सकता है जिस पर बीत चुकी हो
  • author
    Jyoti Yadav
    23 सितम्बर 2020
    बहुत ही प्यारी कहानी है सर आपने इस कहानी के जरिए एक बहुत बड़ा संदेश दिया है 👏👏👏👏👏 🙏🙏🙏🙏🙏
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    शकुन्तला गौतम
    23 अगस्त 2021
    सही शिक्षाप्रद कहानी है 👌👌 अपना खून और दूसरे का खून जैसी मानसिकता के कारण कितने ही पति-पत्नी अनावश्यक परेशानी भरे उपचार करने में खर्च करते हैं।दूसरी ओर दुर्भाग्यवश कितने ही बच्चों को अनाथ जीवन जीना पड़ता है 😒 लेकिन सभी को जीवन में कभी ना कभी जीवन रक्षा के लिए खून की आवश्यकता होती है तब धर्म, जाति को नहीं देखा जाता 🙏🙏
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    Shahida Bano
    24 जनवरी 2022
    हम गुजर चुके है इन हालात से लोगो के ताने सुनकर जीने की इच्छा ही खत्म हो जाती हैं फिर ऐसा लगता हैं कि या तो बच्चा मिल जाए या फिर मौत ये दर्द सिर्फ वही समझ सकता है जिस पर बीत चुकी हो
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    Jyoti Yadav
    23 सितम्बर 2020
    बहुत ही प्यारी कहानी है सर आपने इस कहानी के जरिए एक बहुत बड़ा संदेश दिया है 👏👏👏👏👏 🙏🙏🙏🙏🙏