मैंने जब से होश संभाला अक्सर एक ही सपना दिखाई देता था हमेशा एक ही सपने को देख देख कर मैं परेशान हो गई थी जिसे भी बताती वह आश्चर्य करता कि एक ही सपना बार बार क्यों आता है पर मुझे इसका कोई जवाब नहीं मिलता था , बहुत बरस बीत गए पर सपना आता रहामैं 20 वर्ष की थी 1 दिन हम सब सहेलियां अपनी एक और सहेली के जन्मदिन पर शहर से दूर लंच पर उसके घर जा रहे थे हम टांगे में जा रहे थे अचानक एक सुनसान सी रोड पर एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर एक बंगला दिखा मै जोर से चिल्लाई सपने वाला घर ,मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं था क्योंकि यही सपना में बचपन से देखती आ रही थी यह छोटी बच्ची स्कूल से लौटी है रिक्शा से उतरते ही तेजी से ऊपर खड़ी एक औरत की तरफ भाग रही है और आखरी सीढ़ी के पास पहुंचकर बैग में उसका पैर उलझ जाता है और वह नीचे गिर जाती है फिर क्या था किसी बात में मन नहीं लगा घर आकर मैंने पूरा सपना अपने पापा को बताया और बहुत जिंद की उस घर में जाकर पता करें उन्होंने मुझे समझाने की बहुत कोशिश की पर मैं नहीं मानी यह मेरी अपने पापा से पहली और आखिरी जिद थी अगले दिन उन्होंने जाकर पता किया वह एक सरकारी कार्यालय था 20 साल पह
रिपोर्ट की समस्या
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