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बेटियां घर से विदा ज़रूर होती हैं परंतु दिल से विदा कभी नहीं होती।

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लेखक के बारे में
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अनिता तोमर

🌺🌺हिंदी साहित्य से गहरा जुड़ाव बचपन से ही है। अनेक रचनाएं साझा संकलन और प्रतिष्ठित समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। अध्यापन एवं पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के कारण लेखन को अधिक समय नहीं दे पाती, परंतु जितना भी समय मिलता है, उसी में कुछ अच्छा लिखने का प्रयास करती हूं।🌺🌺 😊💐

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rajender K Guru
    30 मार्च 2019
    इस कहानी को पढ़ने के बाद वाकई बहुत अजीब लगा की समाज में आज भी लड़कियों की स्थिति वैसी की वैसी ही है। मैं इस स्थति के लिए किसी भी पुरुष को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहूंगा। मैं मानता हूँ की अगर आज महिलाओं की स्थति दयनीय है तो इसके पीछे कारण खुद महिलाऐं ही हैं क्योंकि किसी भी पुरुष की यह औकात नहीं की वो किसी नारी का अस्तित्व खत्म कर सके। प्रेमा के मरने के पीछे का मुख्य कारण उसकी माँ, उसकी बुआ का चरित्रहीन होना और उसके ससुराल में उसकी सास और उसकी जेठानी। क्योंकि अगर एक महिला के अस्तित्व को मिटाने के लिए खुद महिलाऐं ही हो जाएं तो फिर उसे मारने से कोई नहीं रोक सकता। अगर प्रेमा की माँ पहले ही उसके बाप को शादी के लिए रोक लेती तो उसके साथ यह अनर्थ नहीं होता........
  • author
    राजेंद्र ठाकुर
    30 मार्च 2019
    जीवन की वास्तविकता को व्यक्त करती रचना
  • author
    Priya "गुमनाम"
    30 मार्च 2019
    बहुत उम्दा लेखन। समाज की हकीकत
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    Rajender K Guru
    30 मार्च 2019
    इस कहानी को पढ़ने के बाद वाकई बहुत अजीब लगा की समाज में आज भी लड़कियों की स्थिति वैसी की वैसी ही है। मैं इस स्थति के लिए किसी भी पुरुष को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहूंगा। मैं मानता हूँ की अगर आज महिलाओं की स्थति दयनीय है तो इसके पीछे कारण खुद महिलाऐं ही हैं क्योंकि किसी भी पुरुष की यह औकात नहीं की वो किसी नारी का अस्तित्व खत्म कर सके। प्रेमा के मरने के पीछे का मुख्य कारण उसकी माँ, उसकी बुआ का चरित्रहीन होना और उसके ससुराल में उसकी सास और उसकी जेठानी। क्योंकि अगर एक महिला के अस्तित्व को मिटाने के लिए खुद महिलाऐं ही हो जाएं तो फिर उसे मारने से कोई नहीं रोक सकता। अगर प्रेमा की माँ पहले ही उसके बाप को शादी के लिए रोक लेती तो उसके साथ यह अनर्थ नहीं होता........
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    राजेंद्र ठाकुर
    30 मार्च 2019
    जीवन की वास्तविकता को व्यक्त करती रचना
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    Priya "गुमनाम"
    30 मार्च 2019
    बहुत उम्दा लेखन। समाज की हकीकत