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रिश्तों का सच!

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हो सकता है वे सब मुझको भूल गई हों। या फिर मेरे नाम पे वे गाली देती हों॥ कम से कम मेरी मां याद कर रही होगी। नाम मेरा ले ले क्र नित ही रोती होगी॥ गुरु चिड़िया ने सोचा यूं ही ना मानेगी। इसको मिलवा दें ...