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राष्ट्रवाद है छलनी

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*राष्ट्रवाद है छलनी* जातिवाद के तीरों से राष्ट्रवाद है छलनी। जनता को पग-पग ठगिनी माया छलती।। कई दलों से यह 'मोहिनी' बन निकलती। देश न जन बस दल हित का रास है रचती।। अखण्ड राष्ट्र को दो संबल ऐ ...

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राहुल कुमार
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