दिल में जो है , वही लिखे,
ताकी  ये " जिंदगानी सुकून से  बहती रहे  ...
Hello , जिंदगी,
जिंदगी क्या हैं रंग भी हैं रंज भी...
जियो तो जंग भी है उमंग  भी...
इसी जिंदगी से मिले कुछ पल, कुछ ख्वाहिशें, कुछ सपने, कुछ कडवाहट इनका अचार बनाके लिखती हुॅ .......संगीत के कारण साहित्य से नाता रहा ....बस उतना ही लिख पाती हुॅ ,ज्यादा नही.... पर भाव मन के उकेरती हुॅ। 
जिंदगी से कल भी प्यार था , आज भी हैं, कल भी रहेगा...जिंदगी जैसी भी हैं मेरी हमेशा सहेली रही है , मै इसी के साथ मुस्काती हुॅ .......रोना अब बहुत पिछे छोड दिया.....
(गायिका,लेखिका,शिक्षीका,चित्रकार,नाट्यकलाकार)
(सभी रचनाए काॅपी राईट अधिकार के तहत.. सर्वाधिकार सुरक्षित....)
हेमा  इंगळे "Musirica
नागपूर 
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