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मोहोब्बत

4.8
171

क्यों तुम याद आते हो क्यों बार बार रुला जाते हो न चाहते हुए भी तुम मेरी ज़िंदगी में दस्तक क्यों दे जाते हो निकलना चाहती हूं मैं अब सपनों की दुनियां से पीछे छोड़ देना चाहती हूं मैं अब तुम्हारी ...

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लेखक के बारे में
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Meenakshi Gupta

मैं एक गृहिणी हूँ .मैनें बीएससी.बीएड मेडिकल स्ट्रीम से और एम् ऐ इंग्लिश में की है. मुझे लिखने का शौक है जिसे कविता के रूप में आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ .मुझे पूरी उम्मीद है की आप मेरी कविताओं को पसंद करेंगे

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rachna Singh "Singh"
    24 जनवरी 2019
    सारे सपने कहीं खो गये हाय हम क्या से क्या हो गये बहुत सुन्दर शब्दों में ढला दर्द
  • author
    Ragini Chauhan
    04 मार्च 2019
    gud.. kafi acha likha h aapne
  • author
    Nisha Thakur
    12 दिसम्बर 2018
    Good going.👌
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rachna Singh "Singh"
    24 जनवरी 2019
    सारे सपने कहीं खो गये हाय हम क्या से क्या हो गये बहुत सुन्दर शब्दों में ढला दर्द
  • author
    Ragini Chauhan
    04 मार्च 2019
    gud.. kafi acha likha h aapne
  • author
    Nisha Thakur
    12 दिसम्बर 2018
    Good going.👌