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मैं गांधारी

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मैं गांधारी…… मैं गांधारी….आज आपको प्रेम सिखाने आई हूँ। चौंक गए न….ज़रूर सोंच रहे हैं कि जिस स्त्री ने कभी सच्चे प्रेम की अनुभूति ही नहीं की वह भला क्या सिखाएगी…क्यों नहीं सिखा सकती….