उम्र सारी लगा दी इस देह को बनाने में.. कितनी मशक्कतें की है इसको सजाने में, आखिरी पड़ाव उम्र का आने को है अब कि, वसीयत मैं भी अपनी ये अभी से कर दूं कि.. इस खजाने को जो मैंने संभाला है उम्र दराज़.. आ ...
उम्र सारी लगा दी इस देह को बनाने में.. कितनी मशक्कतें की है इसको सजाने में, आखिरी पड़ाव उम्र का आने को है अब कि, वसीयत मैं भी अपनी ये अभी से कर दूं कि.. इस खजाने को जो मैंने संभाला है उम्र दराज़.. आ ...