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भारत बंद

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बैठे ठाले अब क्या कीजिएगा, बंद है भारत क्या काम कीजिएगा? तोड़ चपाती चार आज लीजिएगा, बिछा बिस्तर दिन भर आराम कीजिएगा। घोटालों पर कभी कोई बंद नहीं देखा, घाघ नेता आज के,कोई इनसा अक्लमंद नहीं होता, चढ़ती ...

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लेखक के बारे में
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Kavi Kaushik

a hand without"Life line" a heart without "emotion" Education M.com., LL.B., LL.M. पिताजी का सपना था वकील बनना पर वे न बन सके। मैं इंजीनियरिंग करता लेकिन परिस्थितियों ने वाणिज्य शास्त्र का छात्र बना दिया। सीए-सीएम‌ए करते लेकिन क़िस्मत ने फिर पलटी मारी और एल‌एल. बी. एल‌एल.एम की डिग्री अपने नाम दर्ज करा लिए। अब एकेडमिक में जाना है सो देखते हैं ऊँट किस करवट बैठता है!

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    17 दिसम्बर 2018
    very impressive
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