pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं

3.9
284

एक दिन अचानक कोई भीषण महामारी फैलने के कारण पूरे देश में र्कफयू लग गया।  कोई भी अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता था । ‘लाॅकडाउन हो गया चारो ओर, क्या शहर, क्या गांव । सब कुछ बन्द । कोरोना नाम की कोई ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Indrasen Agrawal
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sudhir Kumar Singh
    11 ডিসেম্বর 2021
    ऊंँ जय श्री हनुमान ऊंँ 🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    Neeta Agra
    12 মে 2020
    saty kthan der hai amdher nahi
  • author
    Sanjay Agrawal
    12 মে 2020
    मानवता से बड़ी कोई सेवा नही। अच्छी रचना।
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sudhir Kumar Singh
    11 ডিসেম্বর 2021
    ऊंँ जय श्री हनुमान ऊंँ 🙏🙏🙏🙏🙏
  • author
    Neeta Agra
    12 মে 2020
    saty kthan der hai amdher nahi
  • author
    Sanjay Agrawal
    12 মে 2020
    मानवता से बड़ी कोई सेवा नही। अच्छी रचना।