समीर खिड़की के पास बैठा टकटकी लगाए बाहर होती मूसलाधार बारिश को देख रहा था। खिड़की के बाहर गिरती बूंदे अंदर आने को बेताब थी मगर खिड़की पर लगे शीशे के कारण उससे टकराकर नीचे चली जाती थी। समीर ने ...
समीर खिड़की के पास बैठा टकटकी लगाए बाहर होती मूसलाधार बारिश को देख रहा था। खिड़की के बाहर गिरती बूंदे अंदर आने को बेताब थी मगर खिड़की पर लगे शीशे के कारण उससे टकराकर नीचे चली जाती थी। समीर ने ...