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....बहन पिया घर चली।

4.8
64

ओढ़कर जिम्मेदारी की चादर वो, आजादी का आंगन छोड़ चली अब तक बीते हर पल को यादों में संजो कर देखो, बहन पिया घर चली। खामोश हुआ चहचहाता, अब ये आँगन इसलिये कि, वो चिड़िया पिया घर उड़ चली। जिन्दगी की हर रीत ...

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लेखक के बारे में
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Abhishek Gupta

I love poems,bcs poetry is my gf

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ruchi Gopal ""Ruchir""
    23 பிப்ரவரி 2019
    Behan me prati aapka pyar chalk raha hai aapki is rachna me
  • author
    कोमल राजपूत
    07 பிப்ரவரி 2019
    बहुत खूबसूरत। आखिर की पंक्तियाँ पढ़ कर मेरी आँखे भर आयी।।।💝
  • author
    आरती झा
    06 பிப்ரவரி 2019
    बहुत खूबी से मन के भाव व्यक्त किए हैं आपने
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    Ruchi Gopal ""Ruchir""
    23 பிப்ரவரி 2019
    Behan me prati aapka pyar chalk raha hai aapki is rachna me
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    कोमल राजपूत
    07 பிப்ரவரி 2019
    बहुत खूबसूरत। आखिर की पंक्तियाँ पढ़ कर मेरी आँखे भर आयी।।।💝
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    आरती झा
    06 பிப்ரவரி 2019
    बहुत खूबी से मन के भाव व्यक्त किए हैं आपने