यूँ बैठे जो बाते करने, समय का इल्म न रहा, हमारे जाने के बाद उनका भी कोई आशिक ना रहा, दुआओं का दौर भी ना मुकम्मल रहा, उनके बाद ना कोई एसा कातिल रहा। बहुत रोया वो पेड भी कटने के बाद, जब कुल्हाड़ी मे एक ...
यूँ बैठे जो बाते करने, समय का इल्म न रहा, हमारे जाने के बाद उनका भी कोई आशिक ना रहा, दुआओं का दौर भी ना मुकम्मल रहा, उनके बाद ना कोई एसा कातिल रहा। बहुत रोया वो पेड भी कटने के बाद, जब कुल्हाड़ी मे एक ...