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बचा के रखना पानी है

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कहने को बस पानी है, इसका ना कोई सानी है, जीवन का आधार है ये, आनंदों की तो रानी है। सूरज से तपकर उठता, बादल बनकर छा जाता, पर्वत से टकराकर देखो, टप-टप बरसे पानी है॥ नदियों और तालाबों में कुओं, टंकी और ...

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