ढ़ल जाती है हर चीज वक्त के साथ उम्र के ढ़लते पड़ाव पर एक बचपन ही है जो कभी बूढ़ा नहीं होता ...बचपन के खेल उनके मेल मिलाप दोस्त उनकी बातें और मुलाकातें साथ बिताए समय की यादें एक चित्रपट की तरह आज ...
ढ़ल जाती है हर चीज वक्त के साथ उम्र के ढ़लते पड़ाव पर एक बचपन ही है जो कभी बूढ़ा नहीं होता ...बचपन के खेल उनके मेल मिलाप दोस्त उनकी बातें और मुलाकातें साथ बिताए समय की यादें एक चित्रपट की तरह आज ...