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बचपन की बारिश और कागज़ की नाव (डिजि़टल लेटर से सम्मानित)

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"अम्मा , आज मैं भी चलूँगी तुम्हारे साथ।" "तू क्या करेगी चलकर? घर पर ही रह।" "नहीं , मुझे भी चलना है। तुम रोज बिट्टू को ही ले जाती हो। मुझे कभी साथ नहीं ले जाती।" सात साल की गुंजा ने अपनी माँ सरोज ...