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’ बचपन की बारिश़ और काग़ज की नांव ’

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’ बचपन की बारिश़ और काग़ज की नांव ’ बचपन की यादों को भूलना नहीं चाहिए और जीवन में सदैव सेवा का भाव रखना चाहिए, चाहे अवसर मिले या नहीं ।