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बंजारन की आत्मा का राज़ (भाग एक)

4.5
32130

इससे पहले प्रतिलिपि पर मेरी पहली कहानी आई थी मामा का घर जिसे आप सबका भरपूर प्यार मिला उसके लिए मैं आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूँ। उस रचना से जुड़े कुछ सवाल आप पाठकों के मन में रह ...

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बंजारन की आत्मा का राज़( भाग दो)
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सोनम त्रिवेदी
4.4

अगले दिन पंडित जी और दो मजदूरों को बुलाया गया ताकि उस कोठरी को गिरवाया जा सके। पंडित जी ने सबके माथे पर केसर का तिलक लगाया और हाथों में अभिमंत्रित की हुई मौली(कलावा) बांधा ताकि किसी को नुकसान न ...

लेखक के बारे में

जय महाकाल🙏😇 ✍️हम ना रहेंगे तुम ना रहोगे,रह जाएंगी कहानियां📝

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    anupam kumar
    03 फ़रवरी 2019
    पहले ये कहानी इतनी हॉरर नहीं थी लेकिन अब और भी रोमांचक होती जा रही है।
  • author
    03 फ़रवरी 2019
    इस भाग मे रोमांच और बढ गया है। अच्छी कहानी लिखी है आपने
  • author
    Sapna Trivedi
    30 जनवरी 2019
    iska next part jaldi likhiye mujhe janna hai ki aage kya hua
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    anupam kumar
    03 फ़रवरी 2019
    पहले ये कहानी इतनी हॉरर नहीं थी लेकिन अब और भी रोमांचक होती जा रही है।
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    03 फ़रवरी 2019
    इस भाग मे रोमांच और बढ गया है। अच्छी कहानी लिखी है आपने
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    Sapna Trivedi
    30 जनवरी 2019
    iska next part jaldi likhiye mujhe janna hai ki aage kya hua