pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

!! पितृ छाया!!

132
4.9

!!  पितृ छाया !!                   श्याम मोहन जी बेचैनी से कमरे में तेजचाल से इधर से उधर टहल रहे थे। थक जाते तो कुर्सी पर जा बैठते।          चैन न पाकर फिर टहलने लगते। उनके चेहरे की भाव भंगिमा ...