मेरी पोस्टिंग कर्नप्रयाग हुए तीन महीने हो गये थे। मुझे याद है पहले पहले मुझे यहां कितना सूना सूना महसूस हुआ था। छोटा पहाड़ी कस्बा, लोकल भाषा भी अलग। लोग हांलाकि हिंदी समझते थे पर बोलते कम ही थे। ...

प्रतिलिपिमेरी पोस्टिंग कर्नप्रयाग हुए तीन महीने हो गये थे। मुझे याद है पहले पहले मुझे यहां कितना सूना सूना महसूस हुआ था। छोटा पहाड़ी कस्बा, लोकल भाषा भी अलग। लोग हांलाकि हिंदी समझते थे पर बोलते कम ही थे। ...