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पर्यावरण या परि-आवरण

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धुँधली,मटमैली— चादर सी छा गई है पूरे महानगर को ढँकती सी। दस कदम दूर भी कुछ भी दिखाई नहीं देता सड़क की ट्यूब लाइटें और हेलोजन बल्ब रोशनी फ़ेंक नहीं पा रहे बस अपना अस्तित्व भर और वह भी बीस कदम तक के ...

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