रात हूं मैं रात हूं , एक अकेली रात हूं । अमावस की रात कभी पूनम की रात हूं । मैं निशा , रजनी ,तमिस्रा ही भले हूं , और जरूरत के बिना भी संग चली हूं , चाह तुमको हो न मेरी, है जरूरत , बेजरूरत प्यार ...
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परिचय
RAJANI S.K.G
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हर निशा के बाद ही अस्तित्व होता भोर का हो सुखद प्रमुदित जगत हर रोज का जीवनी शक्ति करे संचित यहीं जीवन सुधा फिर भी सभी के लिए मैं व्यर्थ की एक रात हूं अमावस की रात कभी पूनम की रात हूं मेरे अंधियारों ...
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