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नारी के आंसु

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4.7

कौरव कंस और रावण के सामने, द्रौपदी देवकी और सीता के आंसु, किसी फायदे के लिए नहीं बहते। ये तो उनके अपमान दर्द और बेबसी की, कहानी है कहते। हाँ एक औरत रोती है। तब, जब उसके सम्मान को तार तार ...