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नसीब अपना अपना

4.6
294

किसी ने सच कहा है सबका नसीब अलग अलग होता है। जब इन्सान इस दुनिया में आता है तब अपना नसीब भी साथ लाता है। यही सब ऐकता के साथ हुआ था। वह बहुत ही बदनसीब थी ।बिधाता जब उसकी तकदीर लिख रहा था, शायद तब ...

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लेखक के बारे में
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नरेश शर्मा

मेरे परम प्रिय साथी लेखको व पाठको आप सभी को मेरा नमस्कार, मैने लेखन का कार्य छात्र जीवन में ही आरम्भ कर दिया था।यह बात सन् 1980 की है तब मुझे धार्मिक ग्रन्थ व सामाजिक उपन्यास पढ़ने का शौक था । उसी समय मुझे कुछ लिखने की इच्छा जाग्रत हुयी। उस समय मैने दो उपन्यास लिखे।. परन्तु मै एक गाँव से था। जिससे मेरे उपन्यास छप नहीं सके ।मैने अपने उपन्यास एक प्रैस पर छपने के लिए भेजा था। वह मेरा उपन्यास छापने को तैयार थे परन्तु मेरा नाम देने को तैयार नहीं थे। और मेरा उपन्यास छप नहीं सका। और उसी बीच शादी हो गयी और पारवारिक परस्थितियां ऐसी होगयी कि मै इस लाइन से दूर हटकर कमाने में लग गया क्यौकि शादी के बाद जिम्मेदारी से दूर नहीं भाग सकता था।। अब बच्चे अपने परिवार के साथ सैट है प्रतिलिप पर लेखन का कार्य पुनः आरम्भ किया है। अब आपके लिए कहानी लिख रहा हूँ आप सब का साथ इसी प्रकार मिलता रहा तो मै प्र तिलिप पर अपना उपन्यास भी आप सब के लिए अति शीघ्र प्रस्तुत करूंगा । नव बर्ष 2021 की आप सभी को शुभ कामनाऐ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Roshan khan
    02 जनवरी 2021
    nice story 👌👌👌
  • author
    Kusum Sharma
    01 जनवरी 2021
    अति सुन्दर
  • author
    Madhu Singh
    01 जनवरी 2021
    सुंदर प्रस्तुति
  • author
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Roshan khan
    02 जनवरी 2021
    nice story 👌👌👌
  • author
    Kusum Sharma
    01 जनवरी 2021
    अति सुन्दर
  • author
    Madhu Singh
    01 जनवरी 2021
    सुंदर प्रस्तुति