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'नया दिन नया सवेरा'

4.9
82

'नया दिन नया सवेरा' बॉस : तुम्हें क्या लगता है मेरी कम्पनी सिर्फ तुम्हारी वजह से चलती है  ? अजय : मेरी वजह से तो नहीं सर हमारी मेहनत की वजह से चलती है.. मेहनत का कोई और पर्याय है आपके पास तो ...

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लेखक के बारे में
author
Raj Jha

कुछ सार्थक और अपना लिखने का प्रयास है।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    archana sinha
    02 मई 2021
    स्पीचलेस .....एक संदेश है आपकी रचना में , वक्त रहते सुधर।जाए तो बेहतर वरना ये हकीकत आपके सामने होगी।। नया सवेरा नई उम्मीद ,या जब जागो तभी सवेरा ,, सार्थक तथ्य है पर यदि आदमी समय रहते जागे तब ,,, नही तो रात गहरी हो जाती है या दिन बदल जाते है ।
  • author
    Pandey Jitendra "Jeet"
    02 मई 2021
    बहुत बेहतरीन और प्रेरक लेखन 👌👌👌💐💐💐💐💐 कुछ लोगों को न जाने किस बात का गुरूर रहता है, और वो अपने घंमड में अपने करियर को भी गंभीरता से नहीं लेते.. जब जीवन की हकीकत से सामना होता है तब अच्छे मौके नहीं मिलते
  • author
    Anita Yadav
    02 मई 2021
    क्या कहुँ इतना रोचक लेकिन हृदय स्पर्शी लिखा है आपने कि कब आपकी रचना का अंत आ गया जान ही नहीं पाई बहुत बहुत ही लाजवाब लिखा है आपने लेकिन बहुत ही मार्मिक रचना
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    आपकी रेटिंग

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  • author
    archana sinha
    02 मई 2021
    स्पीचलेस .....एक संदेश है आपकी रचना में , वक्त रहते सुधर।जाए तो बेहतर वरना ये हकीकत आपके सामने होगी।। नया सवेरा नई उम्मीद ,या जब जागो तभी सवेरा ,, सार्थक तथ्य है पर यदि आदमी समय रहते जागे तब ,,, नही तो रात गहरी हो जाती है या दिन बदल जाते है ।
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    Pandey Jitendra "Jeet"
    02 मई 2021
    बहुत बेहतरीन और प्रेरक लेखन 👌👌👌💐💐💐💐💐 कुछ लोगों को न जाने किस बात का गुरूर रहता है, और वो अपने घंमड में अपने करियर को भी गंभीरता से नहीं लेते.. जब जीवन की हकीकत से सामना होता है तब अच्छे मौके नहीं मिलते
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    Anita Yadav
    02 मई 2021
    क्या कहुँ इतना रोचक लेकिन हृदय स्पर्शी लिखा है आपने कि कब आपकी रचना का अंत आ गया जान ही नहीं पाई बहुत बहुत ही लाजवाब लिखा है आपने लेकिन बहुत ही मार्मिक रचना