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नई कोंपले...

4.3
230

समंदर किनारे उमडे निश्चल प्यार की दास्ता...

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लेखक के बारे में
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Hema Ingle

दिल में जो है , वही लिखे, ताकी ये " जिंदगानी सुकून से बहती रहे ... Hello , जिंदगी, जिंदगी क्या हैं रंग भी हैं रंज भी... जियो तो जंग भी है उमंग भी... इसी जिंदगी से मिले कुछ पल, कुछ ख्वाहिशें, कुछ सपने, कुछ कडवाहट इनका अचार बनाके लिखती हुॅ .......संगीत के कारण साहित्य से नाता रहा ....बस उतना ही लिख पाती हुॅ ,ज्यादा नही.... पर भाव मन के उकेरती हुॅ। जिंदगी से कल भी प्यार था , आज भी हैं, कल भी रहेगा...जिंदगी जैसी भी हैं मेरी हमेशा सहेली रही है , मै इसी के साथ मुस्काती हुॅ .......रोना अब बहुत पिछे छोड दिया..... (गायिका,लेखिका,शिक्षीका,चित्रकार,नाट्यकलाकार) (सभी रचनाए काॅपी राईट अधिकार के तहत.. सर्वाधिकार सुरक्षित....) हेमा इंगळे "Musirica नागपूर [email protected]

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    डॉ. ए सतीश
    07 नवम्बर 2018
    बढ़िया कोशिश
  • author
    Aakash's Effect
    19 जून 2018
    प्रयास उत्तम रहा। कथानक साधारण परंतु सधा हुआ होने के बाद भी अपनी छाप नही छोड़ पाया। शायद अंत में कुछ 'विशेष' होना चाहिए था। जिस तरह समुद्र रीना की छवि को बहाकर ले जाता है वैसे ही रीना भी मात्र एक मन का वहम होती जो सिर्फ और सिर्फ राज के खयालों में होती और सिर्फ उसे ही दिखती तो शायद बेहतर होता। खैर ये मेरे निजी विचार हैं। रचना आपकी है और वैचारिक स्वतंत्रता भी आपकी। आप अपनी कहानी को बेहतर तरीके से अंजाम तक पहुंचा सकती हैं। बस मात्रिक त्रुटियों पर ध्यान देने की आवश्यकता अधिक है।
  • author
    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    07 जून 2018
    बहुत ही अच्छी रचना. शानदार भाषा शैली.
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    डॉ. ए सतीश
    07 नवम्बर 2018
    बढ़िया कोशिश
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    Aakash's Effect
    19 जून 2018
    प्रयास उत्तम रहा। कथानक साधारण परंतु सधा हुआ होने के बाद भी अपनी छाप नही छोड़ पाया। शायद अंत में कुछ 'विशेष' होना चाहिए था। जिस तरह समुद्र रीना की छवि को बहाकर ले जाता है वैसे ही रीना भी मात्र एक मन का वहम होती जो सिर्फ और सिर्फ राज के खयालों में होती और सिर्फ उसे ही दिखती तो शायद बेहतर होता। खैर ये मेरे निजी विचार हैं। रचना आपकी है और वैचारिक स्वतंत्रता भी आपकी। आप अपनी कहानी को बेहतर तरीके से अंजाम तक पहुंचा सकती हैं। बस मात्रिक त्रुटियों पर ध्यान देने की आवश्यकता अधिक है।
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    BRIJ BHOOSHAN KHARE
    07 जून 2018
    बहुत ही अच्छी रचना. शानदार भाषा शैली.