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दहेज प्रथा एक अभिशाप

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दहेज प्रथा ऐसा अभिशाप जो , सदियों से यहाँ व्याप्त मिले । इतने बरसों बीत गए पर , ये समाज न इनसे मुक्त हुए । बन गई बेटी बोझ पिता पर , मन में यह बात भी आती है । जैसे जन्म लिया बेटी ने , दहेज की ...

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लेखक के बारे में
author
Vijay Deshalahare

जिस सफ़र में अड़चने और बाधा आता है, यकीन माने उस सफर का अंत बहुत ही सुकून भरा होगा

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Santosh kumar Chaturvedi
    13 फ़रवरी 2021
    super सुपर से ऊपर बेहतरीन शानदार बिल्कुल 100%सत्य व सटीक शब्दो का प्रयोग किये हो 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    Pooja Ajeet
    22 अक्टूबर 2022
    बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने बहुत अच्छा 🙂🙏👍✍️✨💫💐🥀🌷🌸🏵️🌻🌼💮🌹👌🌺💯👏👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    Gopinath Krishna
    13 फ़रवरी 2021
    बेहतरीन रचना । सोच बदल कर ही इस कुप्रथा को खत्म किया जा सकता है ।
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  • author
    Santosh kumar Chaturvedi
    13 फ़रवरी 2021
    super सुपर से ऊपर बेहतरीन शानदार बिल्कुल 100%सत्य व सटीक शब्दो का प्रयोग किये हो 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
  • author
    Pooja Ajeet
    22 अक्टूबर 2022
    बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने बहुत अच्छा 🙂🙏👍✍️✨💫💐🥀🌷🌸🏵️🌻🌼💮🌹👌🌺💯👏👏👏👏👏👏👏👏
  • author
    Gopinath Krishna
    13 फ़रवरी 2021
    बेहतरीन रचना । सोच बदल कर ही इस कुप्रथा को खत्म किया जा सकता है ।