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तिरेसठवां साल

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तिरेसठ साल की जिंदगानी सुहानी चली गयी मनवा हुआ उदास जवानी चली गयी   किस्से रह गए पास कहानी चली गयी स्थिर को गया है मन,  रवानी चली गयी   रहता हूँ चुपचाप, शांत हुआ है दिमाग, न जाने कहाँ शैतानी सारी चली ...