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तमाशबीन

4.5
7594

दुर्घटना के समय तमाशबीन बन कर ना रह जाएँ

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लेखक के बारे में
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Deepak Dixit

निवास : सिकंदराबाद (तेलंगाना) सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन संपर्क : [email protected] , 9589030075 प्रकाशित पुस्तकें योग मत करो, योगी बनो (भाल्व पब्लिशिंग, भोपाल),2016 दृष्टिकोण (कथा संग्रह) Pothi.com पर स्वयं-प्रकाशित,2019 * दोनों पुस्तकें Pothi.com पर ईबुक (ebook) के रूप में भी उपलब्ध हैं, लिंक के लिए मेरा ब्लॉग देखें शिक्षा से अभियंता (धन्यवाद-आई.आई.टी.रुड़की), प्रशिक्षण से सैनिक (धन्यवाद- भारतीय सेना), स्वभाव से आध्यात्मिक और पढ़ाकू हूँ। पिछले कुछ वर्षों से लेखन कार्य में व्यस्त हूँ। पढ़ने के शौक ने धीरे-धीरे लिखने की आदत लगा दी। अब तक चार पुस्तक (दो अंग्रेजी में मिलाकर) व एक दर्जन साँझा-संकलन प्रकाशित हुए हैं। हिंदी और अंग्रेजी में ब्लॉग लिखता हूँ। ‘मेरे घर आना जिंदगी’ (http://meregharanajindagi.blogspot.in/) ब्लॉग के माध्यम से लेख, कहानी, कविता और शोध-पत्रों का प्रकाशन। प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं तथा वेबसाइट में 100 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हुआ है। साहित्य के अनेक संस्थान में सक्रिय सहभागिता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई गोष्ठियों में भाग लिया है तथा कविता/आलेख/शोध-पत्र वाचन किया है। दस से अधिक साहित्यिक मंचों द्वारा पुरस्कृत / सम्मानित किया जा चुका है।

समीक्षा
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  • author
    Rupe Sh
    02 मई 2019
    Always appreciated this feeling... कौन क्या कर रहा है, ये देखने के बजाय, हम क्या कर सकते हैं ये सोचना चाहिए
  • author
    13 अप्रैल 2019
    बहुत सार्थक निर्णय .. काश सभी ऐसा निर्णय लेने का साहस करें तो सड़क दुघर्टना में अनेक लोगों की जान बच सकती है।
  • author
    Jyoti Dubey
    03 मई 2019
    agar ham kisi ki madad krte he to bhagvan kisi na kisi rup me hmari madad bhi krta he ,mere hubby hr waqt durghatna grast insan ki help ko teyar rahte or jb mere bete ka pune me accident huaa to sach me ek devdut ne aakr hospital pahunchaya use or pta nhi vo devdut chupchap kidhar chla gya bs hme insaniyT nhi choddni yhi prathna sbhi se
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    Rupe Sh
    02 मई 2019
    Always appreciated this feeling... कौन क्या कर रहा है, ये देखने के बजाय, हम क्या कर सकते हैं ये सोचना चाहिए
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    13 अप्रैल 2019
    बहुत सार्थक निर्णय .. काश सभी ऐसा निर्णय लेने का साहस करें तो सड़क दुघर्टना में अनेक लोगों की जान बच सकती है।
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    Jyoti Dubey
    03 मई 2019
    agar ham kisi ki madad krte he to bhagvan kisi na kisi rup me hmari madad bhi krta he ,mere hubby hr waqt durghatna grast insan ki help ko teyar rahte or jb mere bete ka pune me accident huaa to sach me ek devdut ne aakr hospital pahunchaya use or pta nhi vo devdut chupchap kidhar chla gya bs hme insaniyT nhi choddni yhi prathna sbhi se