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जीवात्मा व जीवात्मा जगत

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वेदांत दर्शन के  सूत्र  के अनुसार जीवात्मा जन्म  और  मरण  से  रहित  है, इसलिए  वह  पूर्व जन्मों को  जानता  है ।कहते   हैं   कि  यह  शरीर  छूटते  ही आत्मा  बंधन  मुक्त  हो  अथिक  ...

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लेखक के बारे में

सभी रचनाओं का सर्वाधिकार सुरक्षित ,ईमेल[email protected] पता-किसुनदासपुर रायबरेली, 229401 प्रकाशित-भक्ति मंजरी,(भक्ति गीत संग्रह),सारांश(हायकूमाला) शूलांजलि(गीत ) संस्थापक/अध्यक्ष-सुभाष माध्यमिक विद्यालय। रणवीरसिंह स्मारक जन सेवा संस्थान सम्मान---सरस्वती प्रतिष्ठान द्वारा ।बौद्धिक विचार मंच एवम् पारम्परिक साहित्य परिषद ।तनहा साहित्यिक संस्था सम्बद्ध----लोक साहित्य परिषद ।फेसबुक।यूट्यूब।गीत के मीत। प्रतिलिपि

समीक्षा
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    C.k. Singh Anajan
    23 नवम्बर 2019
    वाह क्या बात है श्रीकृष्ण का निष्काम भाव गीता का रहस्य,,,,,,,,
  • author
    Hemalata Godbole
    20 नवम्बर 2019
    जी बहुत अच्छा लेख है ।इनतथ्यों को सहीरूप मे देख कर इस जन्म मे ही मनुष्य कृष्ण के परामर्श से चले,और अगली बार जोभी हो,इस जन्म को सार्थक कर सकता है।शुभंभवतु।
  • author
    satyesh singh
    19 नवम्बर 2019
    very nice
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    C.k. Singh Anajan
    23 नवम्बर 2019
    वाह क्या बात है श्रीकृष्ण का निष्काम भाव गीता का रहस्य,,,,,,,,
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    Hemalata Godbole
    20 नवम्बर 2019
    जी बहुत अच्छा लेख है ।इनतथ्यों को सहीरूप मे देख कर इस जन्म मे ही मनुष्य कृष्ण के परामर्श से चले,और अगली बार जोभी हो,इस जन्म को सार्थक कर सकता है।शुभंभवतु।
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    satyesh singh
    19 नवम्बर 2019
    very nice