दिलीप के घर से तैयार भोजन एकाएक गायब होने लगता है । चोर बर्तन को साफ कर छोड़ जाता है । अभी ऐसी अनोखी चोरी का भेद खुला भी नहीं था कि उसके हाथ से किसी अदृश्य शक्ति ने पांच हजार रुपये छीन लिए ...।।
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चटिया-मटिया भाग -२
R.K shrivastava
4.6
चटिया-मटिया भाग --२ दिलीप रोता पीटता हुआ वापस लौटा । अपने स्वजनों तथा परिचितों को सारी बातें बताई । दिलीप तथा उसका परिवार भूत-प्रेतों से ही प्रभावित है अब इसमें किसी को संदेह न रहा । फिर से समारु ...
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