pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

गौ माता चालीसा

5
52

दो०-जय जय जय गौ मातु की ,जयति श्री नंदलाल        पालन कर गौ मातु का, कहलाये गोपाल।। (१)       "हरिकिंकर" गौ तन बसहिं ,  देव कोटि तेतीस ।          सुयश  गाऊँ गौ  मातु का ,झुक चरणन में शीश ।।(२) ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

महाकवि हरिकिंकर एम. ए (हिन्दी), साहित्य रत्न हैं कवि की बचपन से ही साहित्य मे रूचि रही है तथा कक्षा ९ से ही कविता करना प्रारंभ कर दिया था। कवि पाठक का भारतीय संस्कृति से विशेष लगाव है तथा अधिकांश रचनाएँ आध्यात्मिक है अब तक आपके १७ काव्य ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं। कवि को देश की पचास से अधिक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित किया जा चुका है महाकवि हरिकिंकर को कटनी (म.प्र)से भारतश्री, प्रतापगढ़ (उ. प्र) से विद्यावाचस्पति, नर्मदा पुरम(म.प्र)से काव्य निधि, प्रयाग (उ. प्र) से पं० सुमित्रा नंदन पंत सम्मान, उदयपुर (राज.) से काव्य केशरी, भोपाल (म.प्र) से श्री तुलसी सम्मान, सुल्तान पुर (उ. प्र) से साहित्य मार्तण्ड, देश की राजधानी दिल्ली से हिंदी भूषण, फरीदकोट (पंजाब) से छन्दोदधि काव्य ग्रंथ को श्रेष्ठ छन्दकोश तथा छन्दाचार्य, लखीमपुर खीरी (उ. प्र) से काव्यश्री,होशंगाबाद (म.प्र) से छन्दसिंधु, कोरवा(छत्तीसगढ़) से गोरगोरव सम्मान, नयी दिल्ली से साहित्य श्री, झांसी (उ. प्र) से साहित्य पूर्णेन्दु, साहित्य वारिधि तथा जागरणश्री, ललितपुर (उ. प्र) से साहित्य वारिधि तथा काव्येन्दु, तालबेहट (उ. प्र) फ्राईड ओफ तालबेहट आदि मानद उपाधियों से विभूषित किया गया है तथा जबलपुर, उज्जैन, भोपाल, सुल्तानपुर, कानपुर आदि नगरों से पुरस्कृत हुए. कवि के प्रकाशित ग्रंथ १ काव्यामृत द्रोणी २ श्री कृष्ण चरितामृत (महाकाव्य) ३ नश्वर संसार ४ सुलभ श्रीमद् भगवत गीतामृत ५ श्री तुलसी चरितामृत (खण्ड काव्य) ६ कौटिल्य नीति निहारिका ७ हरिकिंकर की कुण्डलियाँ ८ बालगीत मंजरी ९ सत्यनारायण कथा १० निष्काम आरती संग्रह ११ श्री रामराजा चालीसा १२ श्री गुरुदेव चालीसा १३ देश रहे आजाद १४ छन्दोदधि १५ श्री गंगा चालीसा १६ वन्दे मातरम् १७ गुरु प्रसाद दोहावली १८ श्रीमद भागवत रसामृत 'महाकाव्य' १९ श्री जगज्जननि मा॑ जानकी (मूलकासुर वध) खण्डकाव्य २० राम प्रिया सरयू मां चालीसा

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Samta Parmeshwar
    16 दिसम्बर 2018
    बहुत सुंदर
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Samta Parmeshwar
    16 दिसम्बर 2018
    बहुत सुंदर