pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

क्या यही प्रेम है....!?

50

क्या यही प्रेम है....? ************************* तुम्हारे नेह की वो खुशबू जो हवाओ मे एकमीठा सा एहसास कराती है क्या यही प्रेम है...? तेरे आने की  एक आहट मात्र से दिल को सुकून मिलना खुशी से झूम ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Kumar Krishna Mohan

न हारा हूँ न हारूगां ।। कभी ना हार मानूंगा ।। चलेगी साँस फिर जब तक । तिरंगे को सवांरूगा ।।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है