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काश कोई लौटा कर दे...

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काश कोई लौटा कर दे... ******************************** काश कोई लौटा कर दे मेरे इन आखों की नजर । जीवन मे मेरे भी आये खुशियो की एक नई लहर । नन्ही नन्ही इन आखों से मै भी दुनिया देख सकूं । नन्हे ...

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लेखक के बारे में
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Kumar Krishna Mohan

न हारा हूँ न हारूगां ।। कभी ना हार मानूंगा ।। चलेगी साँस फिर जब तक । तिरंगे को सवांरूगा ।।

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