pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

काग़ज़ की कश्ती की मजबूरी...... टप - टप बूंदें गिरने लगी थीं। ठंडी  हवाओं के झोंकों से शाखें हिल हिलकर बारिश का स्वागत करती हुई - सी प्रतीत होती थी। आशा के सात वर्षीय बेटे मन्नू का चेहरा उमंग में ...