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कहानी फिर शुरु

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वह मीठी आवाज पड़ी फिर से कानों में। जैसे अमृत घोल दिया मेरे कानों में ॥ प्रातःकाल ही घंटी सुनकर फोन उठाया। बना मेरा सौभाग्य, तेरे हाथों में आना॥ सुन मेरी आवाज, तेरा खुश होकर कहना। ‘पापा’ के दो हर्फ़ ...

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