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उड़ता पंछी

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💐💐 शीर्षक : उड़ता पंछी 💐💐 उम्र मेरी बचपन की, मन बचपन का कहां से लाऊं । देती थी मम्मी अठन्नी, खुशी से पूरे घर में शोर मचाऊं । थी खुशी वो अठन्नी में, वह गड्डियों  में मिल नहीं पाती । थी मिठास ...

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लेखक के बारे में
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संजू भदौरिया

ग्वालियर का रहने वाला हूं, फिलहाल शौक के तौर पर लिखता हूं, आगे प्रोफेशनल तौर पर भी लिखने की इच्छा है । शैक्षणिक योग्यता MA, NET (English) है । स्थानीय लेखकों से जुड़ना चाहता हूं, ऐसे इच्छुक लेखक संदेश के माध्यम से जुड़ सकते हैं । कोशिश है कहानी में ट्विस्ट हो, जो कहानी को क्लाइमेक्स तक ले जाता है और पाठकों को हंसाए, रुलाए, गुदगुदाए और एक अलग एहसास/अनुभव मिले।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Ambika Jha
    02 अगस्त 2020
    वाह बहुत सुंदर बेहतरीन रचना 👌👌🙏
  • author
    Sudhir Kaushik
    02 अगस्त 2020
    हम भी पचपन साठ के याद करा दिया बचपन । अच्छी है कविता , पीछे से हाथ सर पर मारना बहुत सही पकड़ करी है ।
  • author
    02 अगस्त 2020
    सबकी चाहत कुछ ऐसी ही है 🌟 🌟 🌟🌟🌟 वाह बेहतरीन प्रस्तुति
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    Ambika Jha
    02 अगस्त 2020
    वाह बहुत सुंदर बेहतरीन रचना 👌👌🙏
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    Sudhir Kaushik
    02 अगस्त 2020
    हम भी पचपन साठ के याद करा दिया बचपन । अच्छी है कविता , पीछे से हाथ सर पर मारना बहुत सही पकड़ करी है ।
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    02 अगस्त 2020
    सबकी चाहत कुछ ऐसी ही है 🌟 🌟 🌟🌟🌟 वाह बेहतरीन प्रस्तुति