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उठ द्रोपदी शस्त्र उठा अब गोविंद न आएंगे

4.7
754

अब समाज से कोई उम्मीद नही रखनी होगी स्वयं के लिए लड़ना होगा। देखना एक बार पहल हो जाए महिलाएं दुनिया बदल कर रख देगी। हाथ में श्रधांजलि के लिए मोमबतियां नही दुष्टों को जलाने मशाल होनी चाहिंए।

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लेखक के बारे में
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Dharm Pal Singh Rawat

"बारह आने की टोपी", "मेरा प्राथमिक विद्यालय" "ईमानदारी की सजा" और कहानी "अब तो आदत हो गई है" मेरी कहानियां मेरा परिचय हैं। तीन साल पहले दिल की भावनाओं को शब्दों में उकेरना शुरू किया। प्रत्तिलिपि पर मेरी कहानियों के अलावा मेरी रचनाएँ... 1.भरवा रोटी (कहानी संग्रह) 2.विदाई का रुपया(कहानी संग्रह) 3.झुमके(कहानी संग्रह) Amazon पर उपलब्ध 4.वो सांवली कन्नू(कहानी संग्रह) Amazon पर उपलब्ध 5.माधुरी (उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध 6.आछेरी परी(उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध 7.C/O 56 APO आर्मी पोस्ट ऑफिस (उपन्यास) Amazon पर उपलब्ध मेरी रचनाओं चाहे Fiction हो या Non Fiction सच्चाई का बोध कराती हैं और मेरा ध्येय भी यही है कि समाज को कुछ नया दे सकूं।

समीक्षा
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    Kajal Bagoriya
    06 मार्च 2020
    adbut lekhn schhai se rubru krwate hue dil ko jkjor dene wali rchna prssasn ko koi mtlb nhi ake bat b bhut ajib lgti h sir ji am jnta hi ke sath kiyo netao ........ .
  • author
    संध्या बक्शी
    04 सितम्बर 2019
    बेहद दुखद ! अंत में झकझोरने वाला आवाह्न !👌👌 कमाल का लेखन ! ज्वलंत मुद्दे को उजागर करती ,प्रभावशाली रचना । 🙏
  • author
    आनन्द प्रकाश "Azaad"
    04 सितम्बर 2019
    ओह! बेहद मार्मिक। पर रावण की तुलना ऐसे वहशी और घृणित लोगों से करना मुझे गलत लगता है क्योंकि ये रावण से बहुत आगे हैं।
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    Kajal Bagoriya
    06 मार्च 2020
    adbut lekhn schhai se rubru krwate hue dil ko jkjor dene wali rchna prssasn ko koi mtlb nhi ake bat b bhut ajib lgti h sir ji am jnta hi ke sath kiyo netao ........ .
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    संध्या बक्शी
    04 सितम्बर 2019
    बेहद दुखद ! अंत में झकझोरने वाला आवाह्न !👌👌 कमाल का लेखन ! ज्वलंत मुद्दे को उजागर करती ,प्रभावशाली रचना । 🙏
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    आनन्द प्रकाश "Azaad"
    04 सितम्बर 2019
    ओह! बेहद मार्मिक। पर रावण की तुलना ऐसे वहशी और घृणित लोगों से करना मुझे गलत लगता है क्योंकि ये रावण से बहुत आगे हैं।