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अभिमन्यु एलियन और दादा जी का नया अविष्कारURSD

4.6
533

शाम का समय था ... दिन ढलते ढलते रात मे बदलता जा रहा था.. आसमान में हल्का सा उजाला कहीं-कहीं दिखाई दे रहा था.. थोड़ी देर में सूरज ढल गया। रोज की तरह रात ने दिन पर डाका डाल ही दिया था चारों तरफ गहरा ...

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लेखक के बारे में
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deepali tiwari

यूट्यूब चैनल का लिंक https://youtu.be/shyhpXE-qpQ?si=026PCgIMmKuhf1pF मुझे साहित्य का तो ज्ञान नहीं है अपने मनोभावों को कहानियों कविताओं में व्यक्त करती हूं फेसबुक पर मेरा पेज है "दास्ताने सभी की" और मेरा यूट्यूब चैनल दस्ताने सभी की है जिसमें मेरी स्टोरी वीडियो है लिंक ऊपर दिया गया है लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब माय चैनल

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    04 फेब्रुवारी 2020
    बहुत डरावना।
  • author
    कृष्णव
    19 जानेवारी 2021
    बहुत मनोरंजक रचना थी । आगे भी ऐसी रचनाएँ अवश्य प्रकाशित करिएगा ।
  • author
    Sushma Tiwari
    05 फेब्रुवारी 2020
    काल्पनिक ही सही लेकिन बहुत अच्छी रचना
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    04 फेब्रुवारी 2020
    बहुत डरावना।
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    कृष्णव
    19 जानेवारी 2021
    बहुत मनोरंजक रचना थी । आगे भी ऐसी रचनाएँ अवश्य प्रकाशित करिएगा ।
  • author
    Sushma Tiwari
    05 फेब्रुवारी 2020
    काल्पनिक ही सही लेकिन बहुत अच्छी रचना