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अतीत की यादें

4.2
380

अब तो नन्हीं का जीवक-क्रम बदल गया है। खाना-पीना-सोना-जगना बदल गया है॥ धरती पर वह लौट ना पाये एक बार भी। परिजनों से मिल ना पाये एक बार भी॥ ऊपर ही आकाश में वह उड़ती रहती है। नये दोस्त हैं, बस उनके संग ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Usha Nain
    13 മെയ്‌ 2023
    lovely
  • author
    सन्नी मौर्य
    24 ജൂലൈ 2020
    अति सुंदर
  • author
    शुभम पंथ
    04 ഫെബ്രുവരി 2018
    बहुत प्यारी रचना
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    Usha Nain
    13 മെയ്‌ 2023
    lovely
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    सन्नी मौर्य
    24 ജൂലൈ 2020
    अति सुंदर
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    शुभम पंथ
    04 ഫെബ്രുവരി 2018
    बहुत प्यारी रचना