"ना जाने क्यों ..?" प्रतियोगिता अनोखी थी और रचनाएं भी अनोखी आईं | सर्वप्रथम सभी लेखकों को रचनाएं भेजने हेतु हार्दिक धन्यवाद | जिस पूरे मन से आपने रचनाएं भेजीं उतने ही भरपूर प्यार से पाठकों ने इन्हें पढ़ा भी |
जैसा कि हमने प्रतियोगिता के पहले ही घोषणा कर दी थी कि इस प्रतियोगिता के दो विजेता होंगे - 1.समीक्षक की पसंद और 2.पाठको की पसंद |
1.समीक्षक की पसंद - इस श्रेणी में हमने इस बार जज बनाया था सुप्रसिद्ध कवि एवं ऑनलाइन पत्रिका "हस्ताक्षर " की सम्पादक प्रीति अज्ञात जी को | प्ररेति जी के जजमेंट के अनुसार इस प्रतियोगिता की विजेता कहानी है -
कवच - दिलबाग सिंह
http://hindi.pratilipi.com/dilbag-singh-virk/kawa
2.पाठकों का चुनाव - जबकि पाठकों की पसंद और कहानी पर बिठाये गए समय के अनुसार रिजल्ट कुछ इस प्रकार से है -
माफ़ी चाहते हैं - हमने रिजल्ट अपडेट किया है | जिन कहानियों की शब्द सीमा हमारे नियमों के अनुसार 500 शब्दों से कम थी उन्हें हमने रिजल्ट के लिए चयनित नहीं किया है | आप सबकी असुविधा के लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं |